अमर शहीद नानक भील (Nanak Bheel) की जीवनी biography in Hind

amar shahid nanak bheel biography in hindi
amar shahid nanak bheel biography in hindi
Contents hide
1 अमर शहीद नानक भील (Nanak Bheel) का जीवन परिचय
1.1 अमर शहीद नानक भील (Nanak Bheel) अपने क्षेत्र के लोगों को अधिकारों के लिए जागरूक करते थे।

अमर शहीद नानक भील (Nanak Bheel) का जीवन परिचय

अमर शहीद नानक भील (Nanak Bheel) अगर इतिहास के पन्नों को पलट कर देखा जाए तो हमारे देश में ऐसे भी साहसी और निडर लोग हुए हैं जिन्होंने आजादी की लड़ाई में अहम भूमिका निभाई है आज सिर्फ उन्हीं लोगों की वजह से हम अपने घरों में शांतिपूर्वक बैठे हैं।

वैसे तो आपने ऐसे बहुत से लोगों का नाम सुना होगा जिन्होंने अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई लड़ी और हमारे देश को आजाद कराने के लिए पूरा संघर्ष किया मगर ऐसे बहुत कम व्यक्ति होंगे जो अमर शहीद नानक भील को जानते होंगे, अमर शहीद नानक भील एक ऐसे व्यक्ति थे जिन्होंने आजादी की लड़ते-लड़ते ही अपने प्राण त्याग दिए। हमारे देश के आजाद होने में शहीद नानक भील का भी अहम योगदान रहा हैं, जैसे-जैसे समय बीतता जा रहा है तो उसी के साथ साथ लोग इन्हें भी भूलते जा रहे हैं।

लेकिन ऐसे निडर और साहसी लोगों को हमेशा याद रखना चाहिए क्योंकि आज इन्हीं की वजह से हम एक आजाद भारत में रहते हैं। इस बात को तो सभी जानते हैं कि हमारा देश अंग्रेजों का गुलाम रहा है और अंग्रेजो ने हमारे देश के लोगों पर बहुत अत्याचार किए। मगर फिर भी शहीद नानक भील जैसे लोगों के कारण अंग्रेजों को हमारा देश छोड़कर जाना पड़ा।

अमर शहीद नानक भील (Nanak Bheel) jivani in hindi
amar shahid nanak bheel jivani in hindi

अमर शहीद नानक भील (Nanak Bheel) का जन्म सन 1890 में बरड़ के धनेश्वर गांव में हुआ था। जो बिजोलिया एवं बूंदी के बीच पथरीले इलाके में पड़ता था। यह बचपन से ही काफी निडर और साहसी हुआ करते थे। जब नानक भील काफी छोटे थे तो तभी से यह दूसरे बच्चों से काफी अलग थे और जिस चीज से इन्हें कम उम्र में डरना चाहिए था यह उन चीजों से भी बिल्कुल नहीं डरते थे।

नानक भील के पिता का नाम भेरू था जैसे-जैसे नानक भी बड़े होते गए तो इन्होंने अपने आस-पास एक गुलाम देश को देखा मगर इन्हें गुलाम देश में रहना बिल्कुल भी पसंद नहीं था। इसीलिए नानक भील गोविंद गुरु तथा मोतीलाल तेजावत के द्वारा चलाए गए आंदोलन में शामिल हो गए। जब यह छोटे थे तो इन्होंने इस आंदोलन के बारे में सुना था तभी से ही यह इस आंदोलन को लेकर प्रभावित हो गए थें।

राजा बांसिया भील (Raja Basiya Bheel) का गौरवशाली इतिहास

अमर शहीद नानक भील (Nanak Bheel) अपने क्षेत्र के लोगों को अधिकारों के लिए जागरूक करते थे।

जब अमर शहीद नानक भील (Nanak Bheel) आंदोलन में शामिल हो गए तो फिर इन्होंने अपने क्षेत्र के सभी लोगों को उनके अधिकारों के लिए जागरूक करना शुरू कर दिया। इन्होंने अपने क्षेत्र के किसानों तथा आम जनता को पूरी तरह से जागरूक किया कि उन्हें एक गुलाम देश में नहीं रहना चाहिए और उन्हें अपने अधिकारों की मांग करनी चाहिए।

इसी के साथ-साथ इन्होंने धीरे-धीरे अपने क्षेत्र के सभी लोगों को इस चीज के लिए जागरूक किया कि स्वतंत्रता उनका मूल अधिकार है इसीलिए उन्हें अपनी स्वतंत्रता के लिए लड़ना चाहिए।

अमर शहीद नानक भील (Nanak Bheel) बचपन से ही थे अंग्रेजों के विरोधी थे।

नानक भील (Nanak Bheel) बचपन से ही अंग्रेजों के विरोध में थे इसीलिए जब यह बड़े हुए और फिर आंदोलन में शामिल हुए, तो फिर इन्होंने अपने क्षेत्र में झंडा गीतों के माध्यम से अंग्रेजों का विरोध करना शुरू कर दिया। धीरे-धीरे इनका साथ इनके क्षेत्र के सभी लोगों ने भी देना शुरू कर दिया और वह भी अंग्रेजों के खिलाफ खड़े हो गए।

जब नानक भील के द्वारा झंडा गीत का आयोजन होता था, तो उस समय इन झंडा गीतों के माध्यम से क्षेत्र के लोगों में उत्साह भर जाता था और वह सभी अपनी आजादी की लड़ाई लड़ने के लिए प्रेरित होते थें।

Diwali Ben Bheel biography in Hindi | दिवाली बेन भील की जीवनी

 

किसान सभा के दौरान की गई अमर शहीद नानक भील (Nanak Bheel) की हत्या

 

जैसे कि हमने आपको बताया कि नानक भील (Nanak Bheel) बचपन से ही अंग्रेजों के विरोध में थें, इसीलिए वह उनके विरोध करने का कोई भी अवसर नहीं छोड़ते थे और जितनी ज्यादा हो सके उतनी ज्यादा संख्या में लोगों को अपने साथ जोड़ते थे।

13 जून1922 के दिन नानक भी एक किसान सभा में अंग्रेजों का विरोध कर रहे थे यहां पर उनके साथ दूसरे लोग भी मौजूद थे जो कि विरोध में उनका साथ दे रहे थे। इस दौरान अंग्रेजों के द्वारा किसान सभा में ही नानक भील की गोली मारकर हत्या कर दी।

किसानों ने अमर शहीद नानक भील (Nanak Bheel) की हत्या तो कर दी, लेकिन इसके पश्चात अंग्रेजों की शासन व्यवस्था में काफी कुछ परिवर्तन आ गया जिसके पश्चात देश के किसानों तथा आम जनता को काफी राहत मिली और उनके अंदर एक नए जज्बे ने जन्म लिया।

जब अमर शहीद नानक भील की मृत्यु हो गई तो उसके पश्चात अलग-अलग जगहों पर अमर शहीद नानक भील की मूर्तियां भी स्थापित की गई। आज भी उनकी याद में मेले का आयोजन होता है जिसमें लोग काफी संख्या में पहुंचते हैं।

अमर शहीद नानक भील FAQ 

अमर शहीद नानक भील की मां का इतिहास में कहीं उल्लेख नहीं मिलता है।

झंडा गीत को अमर शहीद नानक भील ने गाया था।

अमर शहीद नानक भील राजस्थान के धनेश्वर गांव के रहने वाले थे।

अमर शहीद नानक भील की 13 जून 1922 में शहिद हुए ।

नानक देव की पत्नी का नाम इतिहास में कहीं अंकित नहीं है।

अमर शहीद नानक भील "भील" जाति के थे।

एक सभा के दौरान अंग्रेजी हुकूमत के सिपाहियों के द्वारा इन्हें गोली मारने से हुई थी।

अमर शहीद नानक भील का संबंध किस बूंदी (राजस्थान) से है।

अमर शहीद नानक भील गोविंद गुरु तथा मोतीलाल तेजावत के द्वारा चलाए गए आंदोलन में शामिल हो गए।

अमर शहीद नानक भील को डाबी गांव में गोली मारी गई थी।

Maharshi Valmiki Biography in Hindi | उस एक घटना से डाकू रत्नाकर बने महर्षि